200 साल में पहली बार तीन पीठों के शंकराचार्य एक साथ
चमोली
तीन शंकराचार्यों के बदरीनाथ पहुंचने पर पंडा समाज, डिमरी पुजारी और स्थानीय नागरिकों ने उनका अभिनंदन कर पादुका पूजन किया। शंकराचार्य मठ के प्रबंधक ब्रह्मचारी मुकुदानंद ने कहा कि 200 वर्षों में यह ऐसा पहला अवसर है जब तीन पीठों के शंकराचार्य एक साथ ज्योर्तिमठ बदरीकाश्रम आए हैं।
ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य महास्वामी विधुशेखर भारती महाराज और पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती शनिवार को बदरीनाथ धाम पहुंचे। शनिवार दोपहर को तीनों पीठों के शंकराचार्य हेलीकाप्टर से बदरीनाथ पहुंचे। हेलीपैड पर संत समाज व नागरिकों ने ढोल नगाढ़ों के साथ शंकराचार्यों का स्वागत किया। इसके बाद शंकराचार्य मठ में आयोजित हुए स्वागत समारोह में शंकराचार्यों का पादुका पूजन किया गया।
तीनों शंकराचार्यों ने देश के अंतिम गांव माणा जाकर व्यास गुफा, गणेश गुफा, भीम पुल, सरस्वती मंदिर में पूजा अर्चना की। साथ ही बदरीनाथ मंदिर में भगवान नारायण के दर्शन किए। इस अवसर पर बदरीश पंडा पंचायत के अशोक, माणा गांव के प्रधान पीतांबर मोलफा, डिमरी पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, बामणी गांव के बलदेव मेहता, राजेश मेहता सहित कई नागरिकों ने अपने विचार व्यक्त किए।
रविवार को तीनों शंकराचार्य हेलीकाप्टर से केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए जाएंगे। इसके बाद वापस बदरीनाथ आकर सड़क मार्ग से जोशीमठ पहुंचेगे। इस दौरान जोशीमठ में शकराचार्यों का भव्य स्वागत किया जाएगा। 17 अक्टूबर को साढ़े दस बजे से तीनों शंकराचार्यों की मौजूदगी में जोशीमठ स्थित रविग्राम के जेपी मैदान में शंकराचार्य महासम्मेलन का आयोजन होगा। महासम्मेलन में ज्योतिषपीठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज, श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य महास्वामी विधुशेखर भारती महाराज और पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती मौजूद रहेंगे।