किसान गन्ना भुगतान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बैठे धरने पर

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किसान गन्ना भुगतान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बैठे धरने पर

रुड़की : वरिष्ठ समाजसेवी कांग्रेसी नेता आदिल फरीदी के नेतृत्व में आज संगठन के सैकड़ों लोगों ने इकट्ठा होकर इकबालपुर गन्ना मिल पर चल रहे धरना प्रदर्शन का समर्थन किया और आशा व्यक्त की की धरने प्रदर्शन के दबाव में आकर पीड़ित किसानों को तत्काल भुगतान मिलेगा। इस अवसर पर अपना बयान जारी कर किसान मजदूर संगठन सोसायटी के पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि गन्ना भुगतान में विलंब अवधि का किसानों को ब्याज मिलना चाहिए, कानून में ऐसी व्यवस्था हैl परंतु सरकारों की राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में किसानों को समय के अंतर्गत भुगतान नहीं किया जाता एवं विलंब भुगतान का कोई ब्याज नहीं दिलाया जाता और मिल मालिक , प्रबंधन किसानों के भुगतान को विलंबित करके उसकी एवज में मोटा मुनाफा कमाते हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि मिल मालिक व मिल प्रबंधन के साथ सरकार ने गोपनीय गठजोड़ कर रखा है जब चुनाव आते हैं तो किसानों के हित में राजनीतिक दल धरना प्रदर्शन शुरू कर देते हैं और वही राजनीतिक दल सरकार में रहते हुए किसानों के गन्ना भुगतान के मुद्दे के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाते हैंl किसानों की आय दोगुनी करने की बात झूठी साबित हो चुकी है तथा सरकार के मुखिया रहते हुए किसी भी दल के नेता द्वारा अपने कार्यकाल की विफलताओं के बारे में कोई जिक्र नहीं किया जाता तथा मिल प्रबंधन व राजनीतिक गठजोड़ के कारण किसानों का उत्पीड़न होता रहता हैl रुड़की की इकबालपुर शुगर मिल पर किसानों का गन्ना भुगतान 5 वर्ष का लगातार बकाया चला आ रहा है लगभग 2.15 करोड रुपए इकबालपुर शुगर मिल पर किसान गन्ना भुगतान का बकाया है जिसको लेकर आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चीनी मिल गेट के सामने धरने पर बैठ गए वही कांग्रेस के विधायक और नेतागण भी धरने में शामिल रहे वही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जानकारी दी कि इकबालपुर शुगर मिल पर क्षेत्र के किसानों का बकाया भुगतान चल रहा है जो कि सरकार की विफलता को दर्शाता है आज किसान पूरी तरह से त्रस्त और परेशान है लेकिन मौजूदा सरकार इसका कोई संज्ञान नहीं ले रही जब मैं मुख्यमंत्री था और हमारी सरकार थी तब हमने किसानों के गन्ने का मूल्य बढ़ाया था और अब भाजपा सरकार में किसानों के गन्ना मूल्य की विधि तो छोड़ो किसी मामले को लेकर सरकार किसान का संज्ञान नहीं ले रही और यदि सरकार ने इस पर कोई कठोर निर्णय लिया तो वह लगातार धरना प्रदर्शन करेंगे और तब भी काम ना चला दो मुख्यमंत्री धामी के कार्यालय में आवास पर धरना प्रदर्शन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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