उत्तरकाशी की रात में मौत बरसी, एक ही परिवार के चार लोगों को दीवार ने निगल लिया
रात थी, पहाड़ सो रहा था… लेकिन कुछ घरों में ज़िंदगी करवट बदल रही थी। उत्तरकाशी जिले की मोरी तहसील के ओडाटा गांव के मोरा तोक में आधी रात के बाद ऐसा मंजर सामने आया जिसने हर देखने वाले की रूह हिला दी। करीब दो बजे के आसपास एक कच्चे मकान की दीवार भरभराकर गिर पड़ी — और उस मलबे के नीचे दबकर एक पूरा परिवार हमेशा के लिए खामोश हो गया। मरने वालों में एक नौजवान बाप, उसकी पत्नी और उनकी दो मासूम संताने शामिल हैं। 26 वर्षीय गुलाम हुसैन, उसकी 23 वर्षीय पत्नी रुकमा खातून, 3 साल का बेटा आबिद और महज़ 10 महीने की नन्ही बच्ची सलमा — सभी मलबे के नीचे ज़िंदा दब गए।
सुबह का उजाला भी इस दर्द को हल्का नहीं कर सका। चीखें, अफरा-तफरी, और टकटकी लगाए देखते गांव वाले — हर चेहरा जैसे पत्थर बन गया। मलबा हटाया गया तो एक-एक कर चार शव बाहर निकले। मौत ने परिवार का एक भी नाम नहीं छोड़ा। एक पल के झटके में पूरा ख्वाब उजड़ गया।
तहसीलदार मोरी, राजस्व उप निरीक्षक, पुलिस और SDRF की टीम मौके पर मौजूद है। लेकिन अब वहां बचाने को कुछ नहीं रहा… सिर्फ कुछ टूटी चूड़ियां, एक छोटे बच्चे की चप्पल और एक बिखरी हुई चारपाई — यही सब गवाही दे रहे हैं उस भयावह रात की।
उत्तरकाशी की यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, एक चीख है — जो प्रशासन, शासन और सिस्टम से जवाब मांग रही है। क्या यह इलाका पहले से संवेदनशील नहीं था? क्या समय रहते कोई मुआयना नहीं हो सकता था? क्या चार ज़िंदगियों की कीमत अब सिर्फ एक फाइल में सिमट जाएगी?