पंचायत चुनाव स्थगित करे सरकार: कांग्रेस ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद उठाई मांग
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ गया है। हाईकोर्ट के हालिया फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट रूप से सरकार से पंचायत चुनाव को स्थगित करने की मांग की है। दरअसल, हाईकोर्ट ने ऐसे प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है, जिनके नाम नगर निकाय और ग्राम पंचायत दोनों जगहों की मतदाता सूची में दर्ज हैं। इससे चुनाव की वैधता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पहले दिन से यह बात कहती आई है कि वोटर लिस्ट में भारी अनियमितता है। उनका कहना है कि कांग्रेस समर्थित कई उम्मीदवारों के नामांकन निरस्त कर दिए गए हैं, और चुनाव आयोग इस पूरे मामले को ठीक से नहीं संभाल पा रहा।
राजीव महर्षि ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है, लेकिन यह भी सच है कि इस फैसले से पहले ही चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। ऐसे में जरूरी है कि सरकार पंचायत चुनाव को अभी के लिए टाल दे और सभी प्रक्रिया को फिर से पारदर्शिता से लागू करे, ताकि निष्पक्ष और कानून सम्मत तरीके से चुनाव संपन्न हो सकें।
कांग्रेस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य भर में पंचायत चुनाव की तैयारियां ज़ोरों पर हैं और नामांकन प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद कई अन्य राजनीतिक दल भी चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठा सकते हैं।
अब देखना यह है कि क्या सरकार कांग्रेस की इस मांग पर विचार करती है या चुनाव पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार कराए जाएंगे।