त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक!
नामांकन प्रक्रिया पर भी ब्रेक, चुनाव आयोग की तैयारियों पर पानी फिरा
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की गूंज तो थी, लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट के एक फैसले ने पूरे सिस्टम की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। जी हां, पंचायत चुनाव पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। 25 जून से शुरू होने वाली नामांकन प्रक्रिया भी अब नहीं होगी।
दरअसल, सरकार ने पंचायत चुनाव की अधिसूचना तो जारी कर दी थी, और आचार संहिता भी लागू कर दी गई थी, लेकिन सबसे ज़रूरी कड़ी — आरक्षण रोटेशन नीति — अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं थी। इसी को लेकर कोर्ट में याचिका दायर हुई और कोर्ट ने यह कहते हुए चुनाव पर अस्थायी रोक लगा दी कि बिना स्पष्ट आरक्षण के चुनाव कराना संविधान के खिलाफ है।
इस फैसले के बाद, चुनाव आयोग की तैयारियों पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रचार की रणनीति बना चुके उम्मीदवार अब फिर से इंतज़ार की स्थिति में आ गए हैं। लगभग 66,000 से अधिक पदों के लिए होने वाले चुनाव में अब अगली तारीख़ का इंतज़ार रहेगा।
हाईकोर्ट की इस रोक का मतलब साफ है — जब तक सरकार कोर्ट के सामने पारदर्शी आरक्षण व्यवस्था नहीं रखती, तब तक न तो नामांकन होगा, न ही मतदान। यानी अब हर नज़र अगली सुनवाई और सरकार के जवाब पर टिकी है।
राजनीतिक हलकों में भी इस रोक को लेकर सरगर्मी है। कुछ लोग इसे प्रशासनिक चूक बता रहे हैं, तो कुछ इसे कोर्ट द्वारा लोकतंत्र की रक्षा का मजबूत उदाहरण मान रहे हैं।
तो क्या यह सिर्फ कानूनी पेच है या कोई बड़ी रणनीतिक चूक?
क्या सरकार समय रहते व्यवस्था स्पष्ट कर पाएगी?
“The Great News” इस पूरे मामले पर नज़र बनाए हुए है…आगे की हर हलचल आप तक सबसे पहले पहुंचेगी।