रिश्तेदारों को नौकरियां,एक और सूची हुई वायरल तो हंगामा है बरपा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी की सिफारिश पर सरकारी विभागों और संस्थानों में नौकरी हासिल करने वालों की सूची शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो हंगामा मच गया। संघ के प्रांत कार्यवाह दिनेश सेमवाल की शिकायत पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने भ्रामक समाचार प्रसारित करने वाले लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की भी बात कही है।
आरएसएस के प्रांतीय कार्यवाह दिनेश सेमवाल के नेतृत्व में संघ पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री और डीजीपी से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि संघ के प्रचारक युद्धवीर को बदनाम और अपमानित करने की नीयत और मंशा से फर्जी, असत्य व भ्रामक सूची बनाई गई है। इसमें कुछ लोगों के नाम लिखकर व उन्हें प्रांत प्रचारक का रिश्तेदार व नातेदार बताया गया है। आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2017-2022 के बीच अपने पद व प्रभाव का दुरुपयोग कर सरकारी विभागों में रिश्तेदारों को नौकरियां दीं गईं। गया। सूची में दर्ज नाम के लोग न तो सेवा में कार्यरत हैं न ही उनका किसी प्रकार का संपर्क या संबंध प्रांत प्रचारक से है। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को इसकी उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस सूची को अपने फेसबुक पेज पर साझा कर दिया है। साथ ही एक पोस्ट भी लिख डाली है, जिसमें उन्होंने खुलासा किया कि कुछ खोजी लोगों ने 20 ऐसी सूचियां उन्हें भेजी हैं, जिनमें से वह दो सूचियों को अपने पेज पर पोस्ट कर रहे हैं। उनका आरोप है कि पिछले पांच-छह वर्षों में ऐसी सैकड़ों नियुक्तियां हुई है, जो नियुक्ति नहीं हो सकती हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच साइबर थाने को सौंपी गई है। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत साइबर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिन-जिन लोगों ने इस पोस्ट को औरों को शेयर किया है, उनकी पहचान कर पूछताछ की जाएगी।