नाम बदलने से पहले चर्चाओं में आया लैंसडाउन, हरीश रावत ने सरकार पर उठाए सवाल
लैंसडाउन का नाम अभी बदला ही नहीं है उससे पहले ही उत्तराखंड की सियासत गरमा गई है। जैसे ही सीएम धामी ने प्रदेश के कई ब्रिटिशकाल के दौरान रखे नामों को बदलने की कवायद छेड़ी वैसे ही अब इन बदलने वाले नामों की लिस्ट को लेकर सियासी समीकरण बढ़ने लगे है। तो वहीं लैंसडाउन का नाम बदलने की चर्चाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार पर सवाल खड़े किए है। इतना ही नहीं उन्होंने ट्वीट करते हुए सरकार को खरी खोटी सुनाते हुए कड़े शब्दों से प्रहार किया है। हरीश रावत का कहना है कि
मुख्यमंत्री जी वह आपसे आग्रह करते है कि लैंसडाउन का नाम बदलना, उत्तराखंड के लिए नुकसानदायक होगा। अब लैंसडाउन एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है मोस्ट सौट आफ़्टर डेस्टिनेशन है उत्तराखंड की इस समय। फिर गढ़वाल रेजिमेंटल सेंटर का घर है। पहले ही अग्निवीर योजना के जरिए हमारी रेजिमेंटों की परंपरा को समाप्त करने का षड्यंत्र रचा जा चुका है। अब जिस नाम से दुनिया जानती है कि गढ़वाल रेजीमेंट, गढ़वाल के महावीरों का घर लैंसडाउन। हमें नाम की उन बुलंदियों तक पहुंचने में बहुत वक्त लगा है। फिर आज समय बदल गया है। जिनके हम गुलाम रहे उस देश का प्रधानमंत्री आज भारतीय मूल का एक हिंदू है, जिस पर हमको गर्व होना चाहिए। फिर किस-किस नाम को बदलेंगे! जॉर्ज एवरेस्ट, जिम कॉर्बेट, रानीखेत और नैनीताल के क्लब जो अंग्रेजों की परंपरा से जुड़े हुए हैं! रानीखेत और मसूरी का कैथोलिक चर्च!