अब नहीं दिखेंगे सड़कों भिक्षा मांगते हुए बच्चे, पुलिस ने चलाया अभियान
अज़हर मलिक
भीख मांगना एक सामाजिक बुराई है, जिसे जड़ से मिटाने के लिए पूर्व में कई तरह के असफल प्रयास हुए। भिक्षावृति में लिप्त इंसान की सामाजिक पहचान खत्म हो जाती है। लोग उसे हिकारत भरी नजरों से देखते है, उसका सामाजिक बहिष्कार होने लगता है। भीख मांगना जारी रहे और उसे अपराध की श्रेणी से अलग रखा जाए, इसको लेकर मुहिम एकबार फिर जोर पकड़ी है
काशीपुर : उत्तराखंड को देवों की नगरी भी कहा जाता है क्योंकि उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों की संख्या बहुत ज्यादा है और इन धार्मिक स्थलों की संख्या ज्यादा होने के चलते श्रद्धालुओं का भी तांता लगा रहता है, और इसी देव नगरी में नाबालिक बच्चों से भिक्षा मंगाने जैसे काम भी किया जाता है, कोई वक्त के आगे मजबूर हो जाता है। तो किसी ने नाबालिगों से भिक्षा मंगाने का धंधा बना रखा है आपको उत्तराखंड के हर जिले में हर शहर में गली-गलहरो में आसानी से छोटे-छोटे बच्चे भीख मांगते हुए दिख जाएंगे या फिर , गुब्बारे बेचने ,कूड़ा बीनने आसानी से मिल जायेंगे। इसी की रोकथाम हेतु उत्तराखंड पुलिस के महा निर्देशक अशोक कुमार द्वारा एक मुहिम चलाई जा रही है जिस योजना का नाम “ऑपरेशन मुक्ति” रखा गया है। इसी मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए उत्तराखंड के सभी जनपद के पुलिस मुखिया द्वारा अपने क्षेत्र में आने वाले थाने चौकियों में टीम का गठन किया है और टीम द्वारा लगातार प्रयास देखने को मिल रहे हैं अगर बात करी जाए जनपद उधम सिंह नगर की तो पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन्स अनुषा बढोला के पर्यवेक्षण में प्रभारी और द्वितीय टीम एसआई जावेद मलिक के नेतृत्व में जनपद के काशीपुर सर्किल में भिक्षावृत्ति मांगने, गुब्बारे बेचने ,कूड़ा बीनने या अन्य किसी भी कारणों से स्कूल न जा पाने वाले बच्चों के सत्यापन व चिन्हीकरण की कार्यवाही के साथ-साथ आम जनमानस के मध्य जन जागरुकता की जा रही है।
( उत्तराखंड पुलिस के महा निर्देशक अशोक कुमार के द्वारा बच्चों और उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य के लिए, प्रदेश भर में मुहिम चलाई जा रही है लेकिन उस मुहिम का धरातल पर ज्यादा असर सिर्फ जनपद उधम सिंह नगर में देखा जा रहा है इतना नहीं टीम को लीड कर रहे एसआई जावेद मलिक महानिर्देश अशोक कुमार के आदेशों का शिद्दत से पालन करते हुए दिखाई दे रहे हैं )
आप को बात दे की टीम को लीड कर रहे हैं एसआई जावेद मलिक टीम में मौजूद कॉन्स्टेबल दयालु राम गिरीश कांडपाल, महेश ,किरन मेहरा को जानकारी मिली थी कि काशीपुर के ठेला बस्ती बांसफोडान में रहने वाले परिवार अधिंकाश लोगो द्वारा कुडा बिनने का काम।
कर रहे है परिवार की आर्थिक स्थिति व अज्ञानता के कारण ये बच्चे स्कूल नही जाते है। गरीबी के चलते मां बाप अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं और देश के भविष्य कहे जाने वाले नौनिहाल बच्चे शिक्षा के अधिकार से दूर है इसी अभियान के तहत 13 बच्चों को स्कूल जाने के लिए चयनित कर लिया गया है और उन को अच्छी शिक्षा के लिए राजकीय प्राथमिक विद्यालय ओझान उन 13 बच्चों का दाखिला कराया।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका एवं स्टाफ स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस के इस नेक कार्य का आभार प्रकट कर अवगत कराया गया कि पुलिस के इस पुनीत कार्य से निश्चित ही इन बच्चों के भविष्य की एक ज्योत जल उठेगी, जो कि आगे इनके उज्ज्वल भविष्य के पथ प्रदर्शक के रूप में कार्य करेगी। इनके परिजनों से आग्रह किया गया कि वे अपने इन बच्चों को स्कूल के दिनों में हमेशा स्कूल भेजेंगे। बच्चे के परिजनों द्वारा पुलिस तथा विद्यालय का आभार प्रकट किया गया है। पुलिस स्तर से समाजिक सहयोग लेकर इन बच्चों को स्कूल बैग, हिन्दी, अग्रेजी, गणित की नोट बुक , ड्राईइंग बुक, रबर, पैन्सिल, कटर, पैन, पैन्सिल बाक्स, स्कैल, कलर बाक्स व आवश्यक सामग्री दी गयी व भविष्य में भी आवश्यक मदद की जाती रहेगी। विद्यालय की ओर से बच्चों को स्कूल ड्रेस, किताबें व दिन के समय का मध्यान्ह भोजन (मिड डे मील) मुहैया कराया जायेगा ।
जनमानस को भी इस अभियान के बारे में जानकारी दी यदि कोई भी भविष्य में बच्चा दुकानों ढाबों होटलों रेलवे स्टेशन बाजार आदि सभी स्थानो पर यदि भिक्षावृत्ति मांगने, गुब्बारे बेचने ,कूड़ा बीनने, बर्तन धोने, चाय परोसने, मजदूरी करते हुए पाया जायेगा तो परिजन व काम कराने वाले स्वामी के विरुद्ध बालश्रम के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्यवाही अमल में लाई जायेगी ।
आईये मिलकर प्रण लें -बच्चों को उनके शिक्षा के अधिकार के प्रति अपना योगदान दें “ भिक्षा नहीं, शिक्षा दें”। आपके हाथो में हे ताकत , इनके हाथो में किताब देने की। तो किसी ने धंधा बना रखा है नाबालिगों से भिक्षा मंगवाने का