अब उत्तराखंड में नहीं चलेगा दवाओं का खेल, फार्मा कंपनियों और मेडिकल स्टोर पर होगी सख्त कार्रवाई
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेशभर की फार्मा कंपनियों और दवा विक्रेताओं पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है। नकली, घटिया या नियमविरुद्ध दवाओं के कारोबार को लेकर अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग जल्द ही प्रदेशभर में एक बड़ा अभियान शुरू करने जा रहा है, जिसमें फार्मा कंपनियों और मेडिकल स्टोरों पर संयुक्त छापेमारी की जाएगी। ये छापेमारी सिर्फ औपचारिकता नहीं होगी, बल्कि जिन कंपनियों या दुकानों पर अनियमितता पाई गई, उनके खिलाफ सीधी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने साफ कर दिया है कि दवाओं की गुणवत्ता से खिलवाड़ करने वालों को अब माफ नहीं किया जाएगा। जिन विक्रेताओं के पास लाइसेंस नहीं होगा, फर्जी पंजीकरण मिलेगा, एक्सपायर्ड या नकली दवाएं मिलेंगी, या बिना योग्य फार्मासिस्ट स्टोर चलाया जा रहा होगा — उन पर तुरंत कार्रवाई होगी।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें जिले-जिले जाकर फार्मा यूनिट्स और मेडिकल दुकानों की जांच करेंगी। हर जिले में रोज़ दर्जनों प्रतिष्ठानों की जांच होगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों को नोटिस नहीं, बल्कि सीधे कानून के तहत सज़ा दी जाएगी। इस पूरी मुहिम का मकसद है ।
जनता की सेहत के साथ हो रहे खिलवाड़ को खत्म करना और यह सुनिश्चित करना कि हर मरीज तक सिर्फ प्रभावी, सुरक्षित और नियमानुसार प्रमाणित दवाएं ही पहुंचें। उत्तराखंड में दवा कारोबार को अब पारदर्शिता और सख्ती के साथ चलाना होगा — क्योंकि अब सरकार ने मोर्चा खोल दिया है।