स्वास्थ्य सेवाओं की खुली पोल, गर्भवती महिला ने बस में दिया बच्चे को जन्म
सरकार उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए चाहे कितने ही लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। ताजा मामला पौड़ी के दूरस्थ नैनीडांडा ब्लॉक का है। जहां गर्भवती महिला ने कोटद्वार बेस अस्पताल आने के दौरान जीएमओ की बस में ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस बीच गनीमत यह रही कि जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ है। बता दें कि नैनीडंडा के गोदियाल गांव निवासी हेमा देवी ने प्रसव पीड़ा होने पर अपने पति के साथ नैनीडांडा स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी अल्ट्रासाउंड की सुविधा और डॉक्टर ना होने पर उन्हें अस्पताल में तैनात नर्स ने 100 किलोमीटर दूर जाने की सलाह दे डाली।हेमा देवी और उनके पति जिससे अस्पताल के लिए निकल पड़े वही शाम होते ही गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी गर्भवती की हालत देख चालक ने सभी पुरुष यात्रियों को बस से नीचे उतारा और बस सवार दो महिलाओं की मदद से हेमा देवी का प्रसव करवाया बस नहीं हेमा ने एक बच्ची को जन्म दिया वही नैनीडंडा की गोदियाल गांव की महिला को सही समय पर स्वास्थ्य सेवा न मिलने पर जीवो की बस में प्रसव करने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऐसे में इस घटना के बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और मामले की जांच की जा रही है। जिला चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि नैनीडांडा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन डॉक्टरों की तैनाती है जिसमें से ट्रेनिंग करने व दूसरे परास्नातक के लिए बाहर गया है जबकि तीसरा डॉक्टर अवकाश पर था जिसके चलते महिला की जांच नर्स ने की थी।