दीपावली के बढ़ते प्रदूषण पर प्रदूषण बोर्ड की नजर

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दीपावली के बढ़ते प्रदूषण पर प्रदूषण बोर्ड की नजर

 

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दीपावली पर प्रदूषण ना फैले इसको रोकने के लिए पर्यावरण विभाग नजर बनाए हुए है

देश में दीपावली के त्यौहार रौनक सभी बाजारों में है उत्तराखंड में भी दीपावली के त्यौहार की धूम बाजारों में दिखाई दे रही है लेकिन इस त्यौहार पर सबसे ज्यादा परेशानी पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर होती है जिसके लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने अपनी मॉनिटरिंग शुरू कर दी है

 

 

वैसे तो दीपावली रौशनी का त्यौहार माना जाता है पुराणों के अनुसार भगवान् राम जब रावण का वध करने और 14 साल का बनवास ख़त्म करने के बाद आयोध्या वापस लौटे थे तो आयोध्यावासियो ने पूरी आयोध्या नगरी को दीपो से सजाकर खुशिया मनाई गई थी लेकिन आज के आधुनिक दौर में दीपो के साथ साथ इस त्यौहार पर आतिशबाजी भी की जाती है देशभर में आतिशबाजी के चलते पर्यावरण को भी बड़ा नुकसान होता है दीपावली की रात को हवा में जो जहर घुलता है उससे लोगो की सेहत को काफी नुकसान होता है उत्तराखंड की बात करें तो यहां एयर क़्वालिटी इंडेक्स में राज्य को कोई भी खतरा नहीं है पुरे राज्य में अभी AQI लेवल सटिस्फैक्टरी केटेगरी पर है हालांकि इस केटेगरी में बुजुर्गो के साथ साथ जिन लोगो को सांस लेने में दिक्क्त होती है उनके लिए परेशानी बढ़ सकती है

दीपावली पर जलने वाले पठाखो की वजह से हर साल पुरे उत्तराखंड में केवल दीपावली की रात को हवा में प्रदुषण का स्तर काफी बढ़ जाता है लेकिन हवा में फैला ये जहर केवल 2 घंटो के बाद साफ़ भी हो जाता है पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पर्यावरण अभियंता अंकुर कंसल का कहना है कि दीपावली को ध्यान में रखते हुए 17 अक्टूबर से ही विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसमे रोजाना एयर क़्वालिटी को चैक किया जा रहा है जिससे अंदाजा हो सके कि रोजाना हवा में प्रदुषण का स्तर किस तरह से मूवमेंट कर रहा है

 

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