उत्तराखंड में भू कानून को लेकर सियासत हुई तेज, हरीश रावत ने समिति की संस्तुतियों पर जताई चिंता
उत्तराखंड में भू कानून को लेकर सियासत तेज हो गई है। जहां एक तरफ भू कानून को लेकर बनाई गई कमेटी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है तो वहीं अब कांग्रेस समिति के इस रिपोर्ट को लेकर संतुष्ट नजर नहीं आ रही है। उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने पोस्ट शेयर कर समिति की संस्तुतियों पर सवाल उठाते हुए कानून को लचीला बनाने का आरोप लगाया है। हरीश रावत का कहना है कि अगर समिति की संस्तुतियां मान ली जाएं तो उत्तराखंड में जमीन खरीदना और सरल होगा। हरीश रावत ने कहा कि भू कानून जब शिथिल किया गया तो लोगों में बड़ी चिंता उठी उन्होंने तब त्रिवेंद्र सिंह सरकार की कटु आलोचना की। उन्होंने आगे कहा कि उस समय प्रत्येक आंदोलनकारी के मन में ये भावना थी कि हम अपनी जमीनों की अंधाधुंध खरीद को रोकेंगे। लेकिन आज समिति ने जो रिपोर्ट दी है उससे लग रहा है कि पर्यटन आदि के नाम पर जमीनों की थोक खरीद फरोख्त का रास्ता रोक लिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि ये सारी जमीनें, पर्यटन के विकास आदि के नाम पर लोगों के पास चली जाती है तो फिर आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी संतति और संतति के लिए क्या रह जाएगा। इतना ही नहीं हरीश रावत ने कहा कि समिति की सिफारिशें भू सुधार की बजाय भूमि की खरीद फरोख्त कर सरकार के चेहते उद्योगपतियों और बड़े उद्योग तक ही सीमित करना है।