उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू, 50% सीमा में बंधा रहेगा वर्गवार आरक्षण
अज़हर मलिक
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर बड़ी कवायद शुरू हो गई है। शासन स्तर से पंचायतों में आरक्षण तय करने की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई है। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आरक्षण निर्धारण के प्रस्तावों पर मिली आपत्तियों का शीघ्र निपटारा किया जाए, ताकि अंतिम आरक्षण सूची का प्रकाशन समयबद्ध तरीके से किया जा सके।
सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण की कुल सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। आरक्षण निर्धारण में जनसंख्या के आंकड़े, पिछले चुनावों में लागू आरक्षण और संवैधानिक प्रावधानों को आधार बनाया जा रहा है।
आरक्षण प्रस्तावों के अंतिम प्रकाशन के बाद त्रिस्तरीय पंचायतों—जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत—में सीटों का वर्गवार निर्धारण हो जाएगा। इससे पहले मिले सुझावों और आपत्तियों पर सुनवाई की जा रही है।
बताया जा रहा है कि पंचायतीराज विभाग इस बार पारदर्शिता को लेकर बेहद सतर्क है और प्रत्येक चरण की जानकारी सार्वजनिक पोर्टल पर प्रकाशित की जा रही है, ताकि किसी को भी भेदभाव या पक्षपात की आशंका न रहे। अब सभी की निगाहें अंतिम आरक्षण सूची पर टिकी हैं, जिसके बाद चुनावी माहौल और तेज हो जाएगा।