साइबर क्राइम के खिलाफ उधम सिंह नगर पुलिस का जागरूकता अभियान
अज़हर मलिक
क्या होगा अगर कोई आपको फोन करके कहे कि आप “डिजिटल अरेस्ट” में हैं? क्या आपको भरोसा होगा? या आप डरकर उनके बताए निर्देशों का पालन करने लगेंगे? ऐसे ही साइबर अपराधों का शिकार बनते लोगों को जागरूक करने के लिए उधम सिंह नगर पुलिस ने एक अहम पहल शुरू की है। साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस ने जनता को सतर्क रहने की अपील करते हुए सोशल मीडिया पर एक चेतावनी संदेश जारी किया है।
इस संदेश में बताया गया है कि पुलिस, सीबीआई, और ईडी जैसी संस्थाएं फोन पर किसी भी प्रकार का डिजिटल अरेस्ट नहीं करतीं। साथ ही, लोगों को अनजान नंबरों से आने वाले व्हाट्सएप कॉल और वीडियो कॉल स्वीकार न करने की सख्त हिदायत दी गई है। इस अलर्ट में साइबर अपराधों से बचने के लिए सतर्कता बरतने और किसी भी संदिग्ध घटना की जानकारी मिलने पर तुरंत टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करने की सलाह दी गई है।
उधम सिंह नगर पुलिस की यह पहल पुलिस प्रमुख मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में शुरू की गई है, जिन्होंने अपने कार्यकाल में पुलिस और जनता के बीच विश्वास की एक नई लहर पैदा की है। साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई और लगातार जागरूकता अभियानों के जरिए जिले की पुलिस न केवल अपराधियों पर शिकंजा कस रही है, बल्कि नागरिकों को इस डिजिटल युग में सुरक्षित रहने के उपाय भी सिखा रही है।
पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधियों का सबसे बड़ा हथियार लोगों का डर और अज्ञानता है। ये अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं, लेकिन सतर्कता और जागरूकता से इन अपराधों से बचा जा सकता है। यही कारण है कि उधम सिंह नगर पुलिस नियमित रूप से लोगों को साइबर सुरक्षा से जुड़ी जरूरी जानकारी दे रही है।
जिले में पुलिस की इस नई पहल को जनता से सराहना मिल रही है। लोग इसे एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देख रहे हैं, जहां खाकी वर्दी न केवल अपराधियों के खिलाफ काम कर रही है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। पुलिस का यह प्रयास साइबर अपराधों पर लगाम लगाने और डिजिटल युग में लोगों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।