सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा यूजेवीएनएल, पॉलिसी बनाने की तैयारी
उत्तराखंड को भले ही ऊर्जा प्रदेश बनाने का सपना कई सालों से देख रहा हो लेकिन यूजेवीएनएल ये सपना पूरा करने में असफल साबित हुआ है। प्रदेश को बाजार से करोड़ों की बिजली खरीदनी पड़ती है। उत्तराखंड में पहाड़ों से निकलने वाली जल धाराएं राज्य में ऊर्जा का सबसे बड़ा जरिया है। इन्हीं की बदौलत राज्य में कई हाईड्रो प्रोजेक्ट चलते है और बिजली का उत्पादन होता है। लेकिन कई परियोजनाएं पर्यावरण के लिहाज से अधर में लटकी है और अभी 18 परियोजनाओं पर ही काम हो पा रहा है। ऐसे में उत्तराखंड में बिजली का उत्पादन जरूरत के हिसाब से 50 प्रतिशत ही हो पाता है। इसके अलावा यूजेवीएनएल के पास सौर ऊर्जा, बिजली उत्पादन का बड़ा विकल्प है। अब यूजेवीएनएल सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम का कहना है की 10 सालों से सौर ऊर्जा को लेकर प्रदेश में नीति बनाई गई है जिसका समय समय पर संशोधन भी किया जाता है लेकिन सौर ऊर्जा आगे नहीं बड़ पाई है। ऐसे में इस नीति के लिए पॉलिसी बनाई जा रही है ताकि प्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बड़ सकें जिसके लिए स्टेकहोल्डर्स और लोगों की राय भी ली जाएगी।