Uttarakhand Helicopter Operations: सरकार ने तय की गाइडलाइन बनाने की डेडलाइन, समिति 15 अगस्त तक सौंपेगी रिपोर्ट
उत्तराखंड की ऊँचाइयों में उड़ान भरते हेलीकॉप्टर अब सिर्फ गति के नहीं, बल्कि व्यवस्था के भी प्रतीक बनने जा रहे हैं। चारधाम यात्रा से लेकर आपदा प्रबंधन और वीआईपी मूवमेंट तक, राज्य में हेलीकॉप्टर सेवाओं का दायरा बढ़ा है, लेकिन इसके साथ ही बढ़ी है व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर चुनौतियाँ। अब इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
हेलीकॉप्टर संचालन की व्यवस्था को पूरी तरह से सुगठित और पारदर्शी बनाने के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है। इस समिति में कुल 10 सदस्य शामिल किए गए हैं जो राज्य में हेलीकॉप्टर उड़ानों से जुड़े हर पहलू का गहराई से मूल्यांकन करेंगे। संचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया यानी SOP तैयार की जाएगी, जिसमें सुरक्षा, मौसम, रूट क्लियरेंस, पायलट प्रोटोकॉल और ट्रैफिक समन्वय जैसे मुद्दों को शामिल किया जाएगा। सरकार ने समिति को 15 अगस्त तक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है,
यानी अब हर उड़ान केवल मंजूरी नहीं बल्कि नियमों से संचालित होगी। यह कदम राज्य में हेली सेवाओं के लगातार बढ़ते विस्तार के बीच एक व्यवस्थित ढांचे की आवश्यकता को दर्शाता है। पर्यटन, तीर्थाटन और रेस्क्यू ऑपरेशन की रीढ़ बन चुकी हेली सेवाओं के लिए अब एक स्थायी और स्पष्ट रोडमैप तैयार होगा — ताकि कोई भ्रम न रहे, कोई चूक न हो और कोई उड़ान अनियंत्रित न हो।