कल ध्वस्तीकरण करने में क्यों फैल रहा प्रशासन? आज तोड़े जाएंगे दोनों होटल
जोशीमठ
होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त किया जाना था, लेकिन होटल स्वामियों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने कहा कि ऊंचे भवनों को तोड़ने के लिए क्रेन की आवश्यकता है.
सचिव मुख्यमंत्री मिनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सीबीआरआई की टीम देरी से मौके पर पहुंची, इसलिए पहले दिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई.
723 पहुंची दरार वाले भवनों की संख्या, 86 असुरक्षित.
मंगलवार को 45 भवन और चिन्हित किए गए.
जिला प्रशासन की ओर से अब तक 462 परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया जा चुका है।
मंगलवार को 381 लोगों को उनके घरों से सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट किया गया। जबकि इससे पहले 81 परिवारों को शिफ्ट किया गया था।
प्रशासन की ओर से अब तक विभिन्न संस्थाओं-भवनों में कुल 344 कमरों का अधिग्रहण किया गया है।
इनमें 1425 लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है।
DM दीपांशु खुराना का कहना –
आपदा अधिनियम के तहत जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए होटलों को तत्काल ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो आसपास के आवासीय भवनों और हाईवे को क्षति पहुंच सकती है। साथ ही बिजली और पेयजल की लाइनों को भी नुकसान पहुंच सकता है।
20 मकानों के बिजली कनेक्शन काटे.
होटल स्वामी और कुछ पीड़ित परिवार देर रात तक होटल के बाहर ही रुके रहे इसके साथ ही सुबह से ही रज़ाई कंबलों के साथ आकार बैठ गये. इनका कहना है कि मुआवज़ा तय होने तक तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी. वहीं दूसरी और प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. आज 11:30 बजे सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुन्दरम् जोशीमठ में ही प्रेस कॉन्फ़्रेस करेंगे. अब तक की जारी जानकारी मीडिया से साँझा करेंगे. आगे की कार्यायोजन भी बतायेंगे.