अल्हम्दु शरीफ का हिंदी अनुवाद वायरल – जानिए सुरह फातिहा का सही मतलब और महत्व
प्रकाशित: 19 जुलाई 2025
धर्म और आध्यात्म डेस्क | www.aapkinews.com
नई दिल्ली – इन दिनों सोशल मीडिया पर इस्लामी दुआ “अल्हम्दु शरीफ” का हिंदी अनुवाद खूब वायरल हो रहा है। कई लोग इसे गलतफहमी में अलग-अलग नामों से पुकारते हैं, लेकिन असल में अल्हम्दु शरीफ का अर्थ है – सुरह अल-फातिहा, जो कुरान की पहली और सबसे पवित्र सूरत मानी जाती है।
क्या है “अल्हम्दु शरीफ”?
“अल्हम्दु शरीफ” शब्द दरअसल सुरह फातिहा की पहली आयत “الحمد لله رب العالمين” (सारी तारीफें अल्लाह के लिए हैं, जो सारे संसारों का पालनहार है) से लिया गया है।
इस सूरत को नमाज़ में हर रकअत में पढ़ा जाता है और इसे “उम्मुल-किताब” (किताब की माता) भी कहा जाता है।
हिंदी में पूरा अनुवाद:
1. शुरुआत अल्लाह के नाम से जो रहमान और रहीम है।
2. सारी तारीफें अल्लाह के लिए हैं, जो सारे जहानों का पालनहार है।
3. जो बड़ा कृपालु और दयालु है।
4. जो न्याय के दिन (क़यामत) का मालिक है।
5. हम सिर्फ तेरी ही इबादत करते हैं और तुझी से मदद चाहते हैं।
6. हमें सीधा रास्ता दिखा।
7. उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने इनाम किया – ना कि उनका जिन पर तेरा ग़ज़ब हुआ, और ना ही जो भटके हुए हैं।
क्यों है ये सूरत खास?
यह पूरी सूरत दुआ की तरह है, जिसमें इंसान खुद को अपने रब के सामने पेश करता है।
इसे हर नमाज़ में अनिवार्य रूप से पढ़ा जाता है।
स सूरत में अल्लाह की तारीफ, उसकी रहमत, उसकी बादशाहत और