गाजा शहर में भुखमरी संकट की आधिकारिक पुष्टि: UN-समर्थित एजेंसी ने घोषित किया Phase-5 Famine, हालात बेहद गंभीर

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गाजा शहर में भुखमरी संकट की आधिकारिक पुष्टि: UN-समर्थित एजेंसी ने घोषित किया Phase-5 Famine, हालात बेहद गंभीर

 

गाजा पट्टी के हालात दिन-प्रतिदिन और भी खतरनाक होते जा रहे हैं और अब United Nations समर्थित एजेंसी Integrated Food Security Phase Classification (IPC) ने आधिकारिक रूप से पुष्टि कर दी है कि गाजा शहर में Phase-5 यानी Famine (भुखमरी) का स्तर पहुँच चुका है जो किसी भी क्षेत्र में सबसे खतरनाक और अंतिम स्टेज मानी जाती है। इस रिपोर्ट के अनुसार गाजा के लाखों नागरिक बेहद बुरी परिस्थितियों में जी रहे हैं, जहां भोजन, साफ पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं का लगभग पूरी तरह अभाव हो चुका है। IPC के अनुसार Famine घोषित करने के लिए तीन मुख्य मानदंड पूरे होने चाहिए—कम से कम 20% आबादी को अत्यधिक भूख का सामना करना, बच्चों में Global Acute Malnutrition का स्तर 30% से ऊपर होना और हर 10,000 में से प्रतिदिन कम से कम दो व्यक्तियों की मृत्यु होना। गाजा शहर में ये तीनों मानदंड पूरे हो चुके हैं और यही वजह है कि अब इसे आधिकारिक रूप से Famine Zone घोषित कर दिया गया है।

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गाजा पर लंबे समय से जारी संघर्ष और नाकेबंदी ने पहले से ही बुनियादी सुविधाओं को बुरी तरह प्रभावित किया था लेकिन पिछले कुछ महीनों में हालात और बदतर हो गए हैं। बाजारों में खाने-पीने की वस्तुएं लगभग गायब हैं और जो थोड़ी बहुत उपलब्ध हैं उनकी कीमतें आम नागरिकों की पहुंच से बहुत बाहर हो चुकी हैं। United Nations Relief and Works Agency (UNRWA) और World Food Programme (WFP) जैसी एजेंसियां लगातार चेतावनी देती रही हैं कि अगर तुरंत बड़े पैमाने पर मानवीय मदद नहीं पहुंचाई गई तो गाजा के लोगों के लिए स्थिति और भी खतरनाक हो जाएगी। अब जबकि Famine घोषित हो चुका है, इसका अर्थ है कि गाजा शहर के बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भुखमरी से सीधा मौत के खतरे में हैं।

 

मानवीय संगठनों का कहना है कि गाजा के अस्पताल भी चरम संकट में हैं। बिजली आपूर्ति लगभग ठप है, दवाइयों की भारी कमी है और पोषण की कमी से पीड़ित बच्चों की संख्या हजारों में पहुँच चुकी है। UNICEF की रिपोर्ट बताती है कि गाजा में कुपोषण की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि हजारों बच्चे बुनियादी इलाज और पर्याप्त भोजन न मिलने से मौत के मुहाने पर हैं। Phase-5 Famine Declaration केवल एक आंकड़ा नहीं बल्कि यह एक ऐसा अलार्म है जो पूरी दुनिया को तुरंत कदम उठाने के लिए मजबूर करता है।

 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस स्थिति को “मानवता के लिए सबसे बड़ा संकट” करार देते हुए सभी देशों से अपील की है कि वे राजनीति और विवादों से ऊपर उठकर गाजा के लोगों की मदद करें। उन्होंने कहा कि “Famine Declaration एक अंतिम चेतावनी है, अगर अभी भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय चुप रहा तो आने वाले हफ्तों में हजारों निर्दोष लोगों की जानें चली जाएंगी।”

 

विशेषज्ञों का कहना है कि गाजा में Famine का कारण सिर्फ प्राकृतिक आपदाएं नहीं बल्कि मानव निर्मित संकट है। लगातार बमबारी, नाकाबंदी और सहायता सामग्री की सीमित आपूर्ति ने इस स्थिति को जन्म दिया है। कई राहत संगठन बताते हैं कि ट्रकों में भरकर भेजी जाने वाली मदद की सामग्री सीमा पर ही रोकी जाती है और अंदर पहुंचने वाली सहायता इतनी कम होती है कि वह केवल आबादी के एक छोटे हिस्से तक ही पहुँच पाती है।

 

सोशल मीडिया पर भी गाजा की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें माता-पिता अपने भूख से तड़पते बच्चों के लिए दूध और रोटी की तलाश में दर-दर भटकते दिख रहे हैं। कई रिपोर्टों के मुताबिक परिवारों को हफ्तों से केवल पानी और थोड़ी सी ब्रेड पर गुजारा करना पड़ रहा है। यह स्थिति न केवल गाजा बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है कि जब भूख और युद्ध मिल जाते हैं तो मानव जीवन किस हद तक प्रभावित हो सकता है।

 

विश्लेषकों का मानना है कि अगर तुरंत बड़े पैमाने पर मदद नहीं पहुंचाई गई तो गाजा शहर से शुरू हुई यह भुखमरी जल्द ही आसपास के अन्य इलाकों को भी अपनी चपेट में ले सकती है।

पहले ही हजार

 

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