KVR Hospital Kashipur Case – इलाज में लापरवाही के आरोप, कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज
KVR Hospital Kashipur पर गंभीर आरोप, मासूम की हालत बिगड़ी
उधम सिंह नगर के काशीपुर स्थित KVR Hospital एक बार फिर विवादों में है। परिजनों का आरोप है कि इस अस्पताल में इलाज के नाम पर ऐसी लापरवाही की गई जिससे एक मासूम की जिंदगी खतरे में पड़ गई। सुल्तानपुर पट्टी निवासी साजिद हुसैन का कहना है कि उनका 6 साल का बेटा अजमीर शेख खेलते समय मामूली चोटिल हुआ था, जिसके बाद उसे 28 फरवरी 2025 की रात करीब 9:30 बजे KVR Hospital में भर्ती कराया गया।
परिजनों ने आरोप लगाया कि इमरजेंसी डॉ. नवरतन गोला ने बिना विशेषज्ञ की मौजूदगी के बच्चे को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया। परिवार का कहना है कि यह इंजेक्शन ओवरडोज़ था जिससे बच्चे की हालत अचानक बिगड़ गई और उसे वेंटीलेटर पर रखने की नौबत आ गई।
कोर्ट के आदेश पर KVR Hospital के डॉक्टर पर FIR
परिवार का आरोप है कि KVR Hospital ने इलाज के दौरान कई गंभीर गड़बड़ियाँ कीं। शिकायत में कहा गया है कि डिस्चार्ज स्लिप पर एडमिशन टाइम फर्जी तरीके से दिखाया गया और एक सर्जन डॉक्टर की विज़िट भी कागज़ों में दर्ज की गई, जबकि वे डॉक्टर कभी बच्चे को देखने अस्पताल नहीं आए। इतना ही नहीं, परिजनों का कहना है कि उनसे लगभग 60,000 रुपये बिल के नाम पर वसूले गए और 8,800 रुपये एक डॉक्टर के नाम पर अवैध रूप से लिए गए।
जब पीड़ित परिवार ने इसकी शिकायत की, तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद मामला कोर्ट पहुँचा। जसपुर की न्यायिक मजिस्ट्रेट जहां आरा अंसारी ने शिकायत को गंभीर मानते हुए थाना कुंडा प्रभारी को आदेश दिया कि KVR Hospital काशीपुर के डॉ. नवरतन गोला के खिलाफ सुसंगत धाराओं में FIR दर्ज कर जांच शुरू की जाए। कोर्ट के आदेश के बाद अब पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
परिजनों का आरोप और KVR Hospital पर उठते सवाल
साजिद हुसैन ने कोर्ट में दी अपनी अर्जी में कहा कि KVR Hospital ने न सिर्फ उनके बच्चे की जान पर खेला बल्कि इलाज के नाम पर फर्जी बिल और एंट्री बनाकर उनसे अवैध वसूली भी की। उनका कहना है कि अस्पताल ने जानबूझकर कागजों में गलत समय दर्ज किया और परिवार को दबाव में कागजों पर हस्ताक्षर और अंगूठे लगवाए।
परिवार का आरोप है कि यह पूरा मामला लापरवाही से आगे बढ़कर अब आपराधिक कृत्य बन चुका है। यही वजह है कि अब KVR Hospital काशीपुर का नाम फिर से सवालों के घेरे में आ गया है।
गनीमत यह रही कि बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है और खतरे से बाहर है, लेकिन यह घटना अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या इलाज के नाम पर लोगों से पैसे वसूलने और फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई होगी? क्या KVR Hospital पर अब कानून का शिकंजा कस पाएगा? यह वो सवाल हैं जिनके जवाब आम जनता चाह रही है।
