भर्ती घोटाला- तालाब के मगरमच्छों पर शिकंजा

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भर्ती घोटाला- तालाब के मगरमच्छों पर शिकंजा

भर्तियों में धांधली का अब तक का सबसे बड़ा मामला और कार्रवाई करते हुए मगरमच्छों पर शिकंजा कसने के लिए एसटीएफ ने तैयारियां पूरी कर ली है । जिसमें कई बडे नामों की गवाही भी हो चुकी है। जबकि, कुछ जांच के दायरे में हैं। सूत्रों के मुताबिक, एक पूर्व सीएम के ओएसडी भी एसटीएफ के रडार पर हैं। इनसे भी जल्द पूछताछ की जाएगी। शुरुआत में इन्हें भी सरकारी गवाह बनाए जाने की बात चल रही है।

शनिवार को पकड़े गए तीनों आरोपी सरकार में बड़ी पैठ रखते हैं। इनकी गिरफ्तारी से सरकारी तंत्र में भी तमाम चर्चा शुरू हो गई है। अब तक जिन संबंधों को गुपचुप तरीके से कहा जा रहा था, अब वह सार्वजनिक हो गए हैं। आरबीएस रावत के राजनीतिक लोगों से गहरे ताल्लुकात थे। यही कारण था कि उन पर किसी ने हाथ नहीं डाला। अब जब रावत पर शिकंजा कसा गया है तो इसके लिए बड़ी योजना के तहत काम हुआ। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में ज्यादातर लोगों को सरकारी गवाह बनाया गया है ताकि केस को और मजबूत बनाया जा सके। वीआईपी लोग और अधिकारियों को इन तीनों के खेल के बारे में पता था। यह भी जानकारी थी कि किस तरह से पैसा इन लोगों के पास आता है और नकल के सिंडिकेट ये किस तरह से संपर्क में रहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, इनमें एक मंडी समिति का पूर्व अध्यक्ष भी शामिल है। इससे जब एसटीएफ ने पूछताछ की तो सारा राज उगल दिया।

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इस मामले में 30 से ज्यादा लोगों को सरकारी गवाह बनाया गया है ताकि न्यायालय में केस को मजबूत बनाया जा सके। इनमें कुछ अभ्यर्थी और अधिकारी शामिल हैं। सभी अभ्यर्थियों ने कन्याल, आरबीएस रावत और आरएमएस के अधिकारियों के नाम लिए हैं। इनमें से कई छात्रों और अधिकारियों को सरकारी गवाह भी बनाया जा चुका है।
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