‘हरक्यूलिस’ के दीदार को उमड़ी भीड़, एशिया का सबसे बड़ा बाघ बना फाटो का सितारा
अज़हर मलिक
रामनगर के फाटो टूरिज्म जोन में जंगल की खामोशी को चीरते हुए अब दहाड़ सुनाई देती है—और वो भी किसी आम बाघ की नहीं, बल्कि ‘हरक्यूलिस’ की। नाम ही काफी है रौंगटे खड़े करने को, और जब इस नाम के पीछे 300 किलो वजनी, 7 फीट लंबे विशाल बाघ की मौजूदगी हो, तो फाटो की धरती पर रोमांच का परचम लहराना तय है। हाल ही में इस असाधारण बाघ की झलक पहली बार पर्यटकों को मिली, और देखते ही देखते उसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
स्थानीय लोगों और वन्यजीव प्रेमियों ने उसे ‘हरक्यूलिस’ नाम दिया है, और विशेषज्ञों का कहना है कि यह एशिया का सबसे बड़ा बाघ हो सकता है। तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश आर्या खुद हैरान हैं। उन्होंने कहा, “अपने पूरे करियर में मैंने इतना विशाल बाघ कभी नहीं देखा। यह हमारी वन व्यवस्था और जैव विविधता की सजीव मिसाल है।”
फाटो टूरिज्म जोन जो पहले ही अपनी शांति, हरियाली और जंगल सफारी के लिए जाना जाता है, अब ‘हरक्यूलिस’ की मौजूदगी से अंतरराष्ट्रीय पहचान की ओर बढ़ चला है। पर्यटक बड़ी संख्या में यहां उमड़ रहे हैं, hoping for a glimpse of the jungle king. वन विभाग की टीम इस बाघ पर विशेष निगरानी रखे हुए है। कैमरा ट्रैप्स के ज़रिए उसकी मूवमेंट और लोकेशन पर लगातार नजर रखी जा रही है।
अगर ‘हरक्यूलिस’ के आकार और वजन की आधिकारिक पुष्टि होती है, तो ये न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात होगी। यह बाघ फाटो को वैश्विक वन्यजीव पर्यटन के नक्शे पर एक खास मुकाम दिला सकता है।
