अज़हर मलिक / देहरादून उत्तराखंड
जंगल की अपनी दुनिया और इस दुनिया में आजकल इंसानी जिंदगियां का दखल जितना हो चुका है उतना जानवरों का इंसानी दुनिया में जिसकी वजह से ना तो जानवरों की जिंदगी महबूब है और ना ही इंसानों की जिंदगी महफूज है कुछ शिकारी जानवरों का शिकार कर अपना मनोरंजन करते हैं या फिर अवैध कारोबार तो दूसरी ओर जंगली जानवर भी इंसानों की जिंदगियों पर हमला करने से नहीं चूकते हैं।
आप को बता दे की 2023 विदा होने को है और 2024 आ रहा है लेकिन 2023 उत्तराखंड को कई ऐसी बुरी यादें दे गया है जो तकलीफ देने वाली है। वन महकमे से भी एक ऐसी ही खबर है। पिछले एक साल में अब तक बाघो ने उत्तराखंड में 17 लोगों की जान ली है वही 2023 में करीब 92 लोग बाघों के हमले से घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग की एक हाई लेवल मीटिंग की जिसमें उन्होंने विभाग की समीक्षा करते हुए वन्य जीव और मानव संघर्ष के मामलों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों से इससे निपटने के लिए जरूरी निर्देश दिए ।
वन महकमा के अधिकारियों की माने तो आंकड़े के अनुसार 17 लोगो की मौत और 92 लोगो के घायल होने की बात सही है फिलहाल इन घटनाओं को देखते हुए वन विभाग ने प्रकोष्ठ बनाया हुआ है जिसका काम ऐसी घटनाओं पर नजर रखना आंकड़े इकट्ठे करना और प्रभावित लोगों की मदद करना है । लेकिन इस सब के बावजूद भी वन्य जीव और मानव संघर्ष जारी है।