झूठा रेप केस? अब बच नहीं पाओगी… सजा ऐसी कि जिस्म कांप जाए, आत्मा चीत्कार करे!
कभी सोचकर देखा है कि किसी निर्दोष आदमी को बलात्कारी कहना क्या होता है?
कभी कल्पना की है कि झूठे रेप केस में फंसकर कोई अपने पूरे परिवार की आंखों में शर्म लेकर कैसे जीता होगा?
अब वो वक्त नहीं रहा जब कानून को मोहरा बनाकर झूठे आरोप लगाने वाली महिलाएं बच निकलती थीं…
अब अदालतें जाग गई हैं – और जब अदालतें जागती हैं, तो झूठ की लाश हर गली में बिछती है।
यह खबर हर उस महिला के लिए है जो कभी अपने मन में किसी को सबक सिखाने के लिए ‘रेप का झूठा केस’ करने का विचार रखती है। यह खबर हर उस झूठ की चिता है, जिस पर अब कोर्ट ने इंसाफ की आग लगा दी है।
अब झूठ बोलने वाली को जेल मिलेगी… और ऐसी मिलेगी कि सदियों तक नज़ीर बन जाएगी।
1. लखनऊ, यूपी – “झूठा केस किया, तो 7.5 साल की जेल और ₹2 लाख जुर्माना”
रेखा देवी नाम की एक महिला ने दो युवकों पर सामूहिक दुष्कर्म और SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज कराया।
पूरा मामला फर्जी निकला – CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल और गवाहों ने साबित कर दिया कि महिला ने सिर्फ निजी बदले की भावना से ये केस किया था।
कोर्ट ने फैसला सुनाया – 7 साल 6 महीने की जेल और ₹2.1 लाख जुर्माना।
आदेश में यह भी कहा गया कि जुर्माने की आधी रकम उन बेकसूर लोगों के परिवार को दी जाए जिन्हें उसने बर्बाद करने की कोशिश की।
अब सोचो – एक झूठ, और जिंदगी भर की जेल।
क्या अब भी कोई ये कहेगा कि “महिलाएं झूठ नहीं बोलतीं?”
2. गाजियाबाद – “प्रेमी से लड़ाई हुई, तो दोस्तों पर गैंगरेप का झूठा इल्ज़ाम”
एक युवती ने अपने प्रेमी से झगड़ा होने पर उसके दोस्तों पर गैंगरेप का आरोप लगा दिया।
पुलिस ने जब जांच की, तो मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट ने पूरे दावे की चिंदियां उड़ा दीं।
इस बार सिर्फ केस नहीं टूटा… महिला को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
ऐसे झूठे मुकदमे सिर्फ निर्दोषों को नहीं तोड़ते – समाज को जहर भी देते हैं।
3. देहरादून – “बच्ची के नाम पर झूठा POCSO केस, कोर्ट ने 3 लोगों को बरी किया”
एक महिला ने अपनी बच्ची के नाम पर अपने ही रिश्तेदारों पर पॉक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म का झूठा केस दर्ज कराया।
पूरा मामला निजी झगड़े और संपत्ति विवाद से जुड़ा निकला।
चार साल जेल में रहने के बाद जब सबूत पेश हुए, तो अदालत ने तीनों पुरुषों को बाइज्ज़त बरी किया।
सोचिए, एक मां अपनी बच्ची के नाम पर ऐसा झूठ बोले – इससे बड़ा अपराध और क्या हो सकता है?
4. दिल्ली – “आर्मी कर्नल पर लगाया रेप का आरोप, लेकिन गवाही में फंसी खुद”
देश की सुरक्षा करने वाले एक सेना अधिकारी पर रेप का झूठा आरोप लगाया गया।
जब कोर्ट में मामला पहुंचा, तो शिकायतकर्ता की गवाही ही उसके खिलाफ हो गई – झूठे बयान, मनगढ़ंत कहानियां, कोई मेडिकल प्रूफ नहीं।
कोर्ट ने महिला के खिलाफ ही perjury यानी झूठी गवाही देने का केस शुरू कर दिया।
5. मोहाली – “पिता बना बलात्कारी, पर कोर्ट ने झूठ पकड़ा”
एक नाबालिग लड़की ने अपने सौतेले पिता पर बलात्कार का आरोप लगाया।
जांच में न मेडिकल सबूत मिला, न कोई गवाह।
अदालत ने साफ कहा – “पूरा केस झूठा है।” आरोपी को तुरंत बरी कर दिया गया।
अब समाज को फैसला लेना होगा – क्या हम ऐसे झूठ के साथ खड़े होंगे?
क्या हम उन लोगों का समर्थन करेंगे जो कानून को हथियार बनाकर बेकसूरों की जिंदगी तबाह करते हैं?
या अब समय आ गया है कि ऐसे ‘नकली पीड़िता’ को हम भी अपराधी मानें?
👉 झूठा रेप केस सिर्फ एक जुर्म नहीं – ये हर उस औरत पर हमला है जो सच में पीड़ित होती है।
ये न्याय पर तमाचा है, और समाज पर धब्बा।
इसलिए ‘The Great News’ पूरे समाज से अपील करता है
ऐसी झूठी औरतों पर रहम मत करो, उन्हें सजा दिलाओ।
क्योंकि अगर आज तुम चुप रहे, तो कल तुम ही फंस सकते हो।
✋ आखिरी चेतावनी:
जो भी महिला झूठ बोलने की सोच रही है – संभल जा…
अब अदालतें माफ नहीं करतीं… अब रूह तक सजा सुनाई जाती है।
मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं ।जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)