डीएफओ दिगंत नायक की पहल बनी मिसाल, वन्यजीवों और सैलानियों दोनों के लिए फायदेमंद
सलीम अहमद साहिल
उत्तराखंड, जो देवभूमि के साथ-साथ एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी बन चुका है, देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए स्वर्ग समान है। पर्यटन यहां के स्थानीय लोगों के लिए आजीविका का मुख्य स्रोत माना जाता है, और इसे बढ़ावा देने में रामनगर डिवीजन का सीताबनी जोन भी अहम भूमिका निभाता है। लेकिन हाल के महीनों में कॉर्बेट नेशनल पार्क, रामनगर में वन्यजीव-मानव संघर्ष बढ़ने से चिंता बढ़ गई थी।
इस खतरे को भांपते हुए रामनगर डिवीजन के डीएफओ दिगंत नायक ने एक बेहतरीन पहल की है। उन्होंने सीताबनी जोन में रोड किनारे झाड़ियों और खरपतवार की सफाई का अभियान शुरू किया है, जिससे न केवल सैलानियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि स्थानीय लोगों और राहगीरों को भी वन्यजीवों के हमलों से बचाया जा सकेगा।
सैलानियों की सुरक्षा और रोमांच दोनों को बढ़ावा
डीएफओ दिगंत नायक की इस पहल से कई फायदे होंगे—
✔️ सैलानियों को वन्यजीवों के बेहतर दीदार होंगे, जिससे सीताबनी जोन में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
✔️ राहगीरों और स्थानीय लोगों को वन्यजीवों के हमलों से सुरक्षा मिलेगी।
✔️ आग की घटनाओं में कमी आएगी, क्योंकि फायर सीजन में अक्सर रोड किनारे फेंकी गई सिगरेट और बीड़ी से झाड़ियों में आग लग जाती है, जिससे करोड़ों की वन संपदा नष्ट हो जाती है।
15 मार्च से फायर सीजन शुरू होने जा रहा है, और रोड किनारे सफाई होने से जंगलों में आग लगने का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा। अक्सर देखा गया है कि जंगलों में आग लगने से वन्यजीवों का भोजन स्रोत नष्ट हो जाता है, जिससे वे भूखमरी की कगार पर पहुंच जाते हैं। लेकिन इस सफाई अभियान से अब वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास भी सुरक्षित रहेगा।
स्थानीय जनता ने की सराहना
डीएफओ दिगंत नायक की इस पहल की स्थानीय जनता और पर्यटकों ने जमकर सराहना की है। सीताबनी जोन में घूमने आए सैलानी भी अब ज्यादा संख्या में वन्यजीवों को देख पा रहे हैं, जिससे उनका अनुभव और रोमांच पहले से ज्यादा बेहतर हो गया है। धामी सरकार और वन विभाग की ये पहल उत्तराखंड के पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक मिसाल बन रही है।